sad poetry in hindi
आदत हो चुकी है
मुझे दर्द मे जीने की आदत हो चुकी है
गमो को पीने की आदत हो चुकी है
उसे कह दो मेरी दवा ना करे वो
मुझे अपने ज़ख्मो को रोज़ उधेड़ने
और सीने की आदत हो चुकी है
मुझे पहुचना नहीं है अब कहीं
मेरी मंज़िल अब किसी और की हो चुकी है
उसे कह दो लौटकर आने की जरूरत नहीं मेरी जिंदगी मे
मुझे उसके बिना जीने की आदत हो चुकी है
अंधेरे से डर लगता है मुझे, वो जनता था
जाते जाते आग लगा गया
जाने से पहले भी उसको मेरी फिक्र पड़ी है
उसे कह दो ये आग नहीं उसका दिया आफताब है
मेरी जिंदगी को जिसकी आदत हो चुकी है
shaandar
thanks