sad poetry in hindi | हिज़्र का जश्न मनाते रहे | sad poem in hindi on love

sad poetry in hindi

हिज़्र का जश्न मनाते रहे

ताउम्र हिज़्र का जश्न मनाते रहे
हम उसकी यादों के दीये जलाते रहे
वो देता रहा जख्म पे जख्म हमे
हम उनसे बदन को खूबसुरत बनाते रहे
एक रिश्ता जुड़ चुका है, रातो से
दिन मे खुद को लोगो से छुपाते रहे
मौत की तमन्ना लिये दिल मे हम
जिंदगी को रोज़ कतरा कतरा बहाते रहे
वो आयेगा लौटकर, ये ही एक बहाना था
जिससे ताउम्र दिल को बहलाते रहे

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