sad poetry in hindi on love
मेरे ख्वाबों का जलता हुआ मंजर देखो
मेरे ख्वाबों का जलता हुआ मंजर देखो
ज़रा झांक कर मेरी नीदों के अंदर देखो
जिसको कैद करके रखा है अपनी आंखों में
कितना गहरा है वो गम का समंदर देखो
मैं रो रहा हूं उसकी जुदाई में यहां
वहां मुस्कुरा रहा है कैसे मेरे सितमगर देखो
जहां खिलते थे फूल हमेशा मोहब्बत के
उस जमीन को अब तुम बंजर देखो
मेरे बिखरे हुए ख्वाबों मेरे टूटे हुए अरमानों
क्यूं चला गया वो एकबार पूछकर देखो
जहां मिला करते थे छुप छुपकर हम
उन्हीं गलियों में उसको ढूंढकर देखो