sad poetry in hindi on love वो चाहता तो साथ निभा भी सकता था वो चाहता तो साथ निभा भी
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sad poetry in hindi on love वो चाहता तो साथ निभा भी सकता था वो चाहता तो साथ निभा भी
Continue readingsad poetry in hindi on love तू क्या दूर गया तू क्या दूर गया, मुकद्दर ही रूठ गया अंधेरे मे
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