sad poetry in hindi on love
यूं ही चिरागों की तरह जलना है
मुझे कुछ नही बदलना है
यूं ही चिरागों की तरह जलना है
ये सफ़र ख्वाबों का है
इसलिए रातों को निकलना है
न रख मुझसे उम्मीद कोई
उदासी का ये दौर यूं ही चलना है
दे कोई ज़ख्म ईक नया
दिल तो बस उसी से बहलना है
विदा हो गई ये कहकर आज सदाये
अब इनको गजलों में ढलना है
जिसके सामने फैलाए थे हाथ
उसी को अब हाथ मलना है