sad poetry in hindi on love
जो वफा न दे पाया वो दगा क्या देगा
जो वफा न दे पाया वो दगा क्या देगा
दर्द देने वाला मुझ को दवा क्या देगा
मोहब्बत हो गयी हो जिसको अपने गम से
उसको भला कोई दुआ क्या देगा
लिखी हो जिसके मुकद्दर में मोहब्बत
शिफ़ा उसको फिर खुदा क्या देगा
मेरे लिए लंबी उम्र मांगने वाले मेरे दोस्त
तू मुझको इससे बड़ी सजा क्या देगा
जो शजर खुद महरूम हो समर से
वो भला किसी को साया घना क्या देगा
जिसको खुद नही पता जाना कहां है
तू उसको उसकी मंजिल का पता क्या देगा