sad poetry in hindi on love

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | रोज एक नया रिश्ता बनाता हूं

sad poetry in hindi on love

रोज एक नया रिश्ता बनाता हूं

रोज एक नया रिश्ता बनाता हूं
तुझे भूलने के लिए इस हद तक जाता हूं

हटा दी है तेरी सारी तस्वीरें
तेरी यादों से खुद को बचाता हूं

अंधेरे में रहने की इतनी आदत हो चुकी है
की जगनुओं को भी खिड़कियों से उड़ाता हूं

बहाता हूं आंसू अकेले मे
और अपने गम तन्हां रातों को सुनाता हूं

न पूछो कैसे कट रही है जिंदगी
दिन गजलों के और रात शराब के साथ बिताता हूं

तू बढ़ गया होगा अपनी जिंदगी में आगे
पर में खुद को वहीं उसी रस्ते पर पाता हूं

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