sad poetry in hindi
हिज़्र की रात
हिज़्र की लंबी काली रात मिली
तेरे इश्क़ मे ये ही एक सौगात मिली
पत्ता पत्ता गिर के सूख गया वो पेड़
जिससे फिर कोई बहार ना मिली
मैं दर दर भटका सुकून के लिये
पर तेरी खबर मुझे कही ना मिली
मैं आज भी मिलता हू, उन गलियो से
जहां तू मुझे पहली बार मिली
मिल जाती कब की मौत मुझे
जो तुझसे मिलने की ना होती आस मिली
हिज़्र की लंबी काली रात मिली
तेरे इश्क़ मे ये ही एक सौगात मिली
sad poetry in hindi
