sad poetry in hindi
कभी कभी
कभी खुशी बन जाते हो
तो कभी गम बन जाते हो
कभी जख्म देते हो
तो कभी दवा बन जाते हो
कभी आँसू बनकर इन आंखो से बहते हो
तो कभी मेरे चेहरे की मुस्कान बन जाते हो
कभी दिन बन जाते हो
तो कभी रात बन जाते हो
कभी खुदा बन जाते हो
तो कभी सजा सुनाते हो
कभी धूप बनकर जलाते हो मुझको
तो कभी छाव बन जाते हो
कभी हर वक़्त मेरी यादों मे बहते हो
तो कभी एक लंबा इंतज़ार बन जाते हो
जो रोग मिला है तुमसे मुझको
कभी खुद उसका ईलाज बन जाते हो
कभी मंदिर की दुआ बन जाते हो
तो कभी मस्जिद की नमाज़ बन जाते हो
कभी अपमान बन जाते हो मेरे लिए
तो कभी मेरे सिर का ताज बन जाते हो
कभी बड़े अपने से लगते हो
तो कभी अंजान बन जाते हो
कभी हकीकत बनकर मेरे सामने होते हो
तो कभी एक ख्वाब बन जाते हो
कभी मेरी पूरी दुनिया ओर
तीनों जहांन बन जाते हो