sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | ठहरा हुआ दर्द का समंदर है मेरे अंदर

sad poetry in hindi on love

ठहरा हुआ दर्द का समंदर है मेरे अंदर

ठहरा हुआ दर्द का समंदर है मेरे अंदर
दोस्त तेरी यादों का मंजर है मेरे अंदर

मेरे अंदर एक आशिक़ है तड़पता हुआ
और पड़ा उसका दिल बंजर है मेरे अंदर

आ रही है इसलिए सदा खामोशी की
क्योंकि एक वीरान खंडर है मेरे अंदर

जो चुबता है दिन रात मुझको दोस्त
वो तेरी ही जुदाई का खंजर है मेरे अंदर

इसलिए भी मेरे अंदर रुकती नहीं खुशी
क्योंकि तेरे गम का बवंडर है मेरे अंदर

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