sad poetry in hindi on love
ये काली राते कहीं मार न डाले मुझको
ये काली राते कहीं मार न डाले मुझको
कोई तो दे थोड़े से उजाले मुझको
मैं मोहब्बत हूं महका दूंगी सारा आलम
तू एकबार अपने आंगन में लगा ले मुझको
ये टूटे हुए ख्वाब ये बिखरे हुए अरमान
विरासत है मेरी इनके साथ अपना ले मुझको
कर ले कैद हमेशा के लिए अपनी गजलों में
कहीं ये दुनिया वाले मार न डाले मुझको
सहा नही जाता अब दर्द जुदाई का दोस्तों
कहो उससे अब तो आकर संभाले मुझको
लगा ले गले से मेरे तड़पते हुए जिस्म को
और हमेशा के लिए बचा ले मुझको