sad poetry in hindi on love
चेहरा तेरा उदास क्यूं है
चेहरा तेरा उदास क्यूं है
बुझा बुझा सा महताब क्यूं है
किस के लिए जलाया दिया
रोशन तेरा बाम क्यूं है
उस बेवफ़ा पर मेरे दोस्त
तुझे आज भी ऐतबार क्यूं है
क्यूं करता है बाते मरने की
जिंदगी से इतना नाराज़ क्यूं है
आ बैठकर बाटते है गम तेरे
तू इतना अश्क बार क्यूं है
मोहब्बत ही की है गुनाह थोड़ी
तू इतना बर्बाद क्यूं है