sad poetry in hindi on love
मोहोब्ब्त मे दुनिया को भुला देना
हर रित हर रिवाज को बड़ी आसानी से झुठला देना
कितना ही सहल है मोहोब्ब्त मे दुनिया को भुला देना
सहना हर सितम महबूब का भी और दुनिया का भी
पुछने पर होंठों ही होंठों मे मंद मंद मुस्कुरा देना
अगर समझों कभी काबिल अपनी मोहोब्ब्त के तुम
तो एक बार अपना दर्द मुझ को जरूर बता देना
मोहोब्ब्त मैंने भी की है पर तेरी तरहा नहीं दोस्त
ये अंदाज़ ए इश्क़ थोड़ा सा मुझ को भी उदार देना
किश्तियों नदी के उस पार गाव है मेरे महबूब का
जरा माझी से कहकर मुझ को उस पार उतार देना