sad poetry in hindi on love
कहते है मुझसे की तुम जैसे यार बहुत है
कहते है मुझसे की तुम जैसे यार बहुत है
दिल बहलाने के लिए दिलदार बहुत है
जहां बिकती है मोहब्बत रात और दिन
शहरों में ऐसे बाज़ार बहुत है
जिनको छोड़ने के लिए मजबूर किया था तूने
वो मेरे दोस्त आज भी वफादार बहुत है
भले ठीक हो चुके हो ज़ख्म तेरी बेवफाई के
पर दिल पे आज भी उनके निशान बहुत है
उठाया नही जाता एहसान तेरी मोहब्बत का
अब तेरी मोहब्बत से हम नाराज बहुत है
मुझसे न मांग अब पहली सी मोहब्बत यारा
उस पहली सी मोहब्बत में हम नाकाम बहुत है