sad poetry in hindi on love
मोहब्बत अलग रखना,गजल अलग रखना
मोहब्बत अलग रखना,गजल अलग रखना
जो लिखी थी कल रात वो नज़्म अलग रखना
जब करो ज़िक्र कविताओं में उसके हुस्न का
तो तुम उस वक्त अपनी तलब अलग रखना
मोहब्बत इबादत का दूसरा नाम है दोस्तों
इसके बदन से अपनी हवस अलग रखना
मिला है मोहब्बत में जो,वो हुनर अलग रखना
लिखते वक्त जुदाई का तुम असर अलग रखना
अपनी गजलों,नज्मों और कविताओं में तुम
हिज्र को अलग रखना और वस्ल अलग रखना
जिन रास्तो पे चलकर बर्बाद हुए मोहब्बत वाले
उन रास्तों से तुम अपने कदम अलग रखना