sad poetry in hindi
भूला दिया मुझे
तुमने कहा था, भूला दिया मुझे
फिर नजरों को तुमने क्यू झुकाया था
देखना नहीं चाहती थी मुझे
या आज भी उनमे मेरे लिए प्यार छुपाया था
मैं आया था पीछे तेरे, तू जनता था
यूं ही आँचल तेरा हवा मे ना लहराया था
देखने को तू भी बेताब बड़ा था मुझे
तभी तो आँचल के बहाने मेरी तरफ तूने
अपना चेहरा घुमाया था
उसने कहा कुछ नहीं है अब पास मेरे
मेरी हर निशानी को वो नदी मे बहा आया था
अगर वो सच बोल रहा था मुझसे
तो उसकी किताब मे मुझे मेरा दिया गुलाब
क्यू नज़र आया था