sad poetry in hindi on love

sad poetry in hindi | आज मेरे अंदर कुछ टूट गया | sad poetry in hindi on love

sad poetry in hindi

आज मेरे अंदर कुछ टूट गया

आज मेरे अंदर कुछ टूट गया
कोई मेरा अपना मुझसे रूठ गया
ज़िंदगी के इस सफर मे, वो कहीं छूट गया
आज मेरा अंदर कुछ टूट गया

टूटा है जो, फिर ना जुड़ेगा
कमी तेरी कोई ना भरेगा
छोड़ के मुझको इस भीड़ मे अकेला, तू कहाँ गया
आज मेरे अंदर कुछ टूट गया

तेरे साथ पूरे थे
आज हम अधूरे है
मुकम्मल मेरा जहां, बिन तेरे वीराना हो गया
आज मेरे अंदर कुछ टूट गया

तेरे है और तेरे रहेगे
तेरे सिवा किसी को अपना ना कहेगे
अपना था ना इसलिए रूठ गया
आज मेरे अंदर कुछ टूट गया

छूटा था तू जहां, सब वही छूट गया
जिंदगी जीने का जज्बा ही टूट गया
सपना देखा था, जो हमने मिलके
आज वो भी आँख मूदँ गया
आज मेरे अंदर कुछ टूट गया

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