sad poetry in hindi on love
मेरे गीतों को अपनी आवाज़ में गा कर
मेरे गीतों को अपनी आवाज़ में गा कर
तुमने कर दिया अमर मेरे नज्मों को सुना कर
बुझा कर रात का दीया कर दिया सवेरा
दोस्त तुमने मेरी जिंदगी में आ कर
मोतियों में बदल दिए तुमने सारे
मेरे आंसू अपनी हथेली में उठा कर
क्या कर दोगे रिहा मुझको तन्हाइयों से
दोस्त कहों न मेरे सिर की कसम खा कर
खत्म कर अब मेरा बरसों का इंतजार
तू मुझको अपने गले से लगा कर
कब से मैं ही बोले जा रहा हूं
कैसे काटे दिन जुदाई के तू भी तो कुछ बयां कर