sad poetry in hindi on love
मोहब्बत में किया था ये भी करम उसने
मोहब्बत में किया था ये भी करम उसने
मुझको सौप दिया था अपना बदन उसने
खुशबू आने लगी थी गजलों से मेरी
मेरी जिंदगी में रखे थे जब कदम उसने
आज भी घंटों बीतते है उसकी छांव में
मेरे आंगन में लगाया था जो शजर उसने
देकर अपने होंठों की मुस्कान मुझको
अपनी आंखों में भर लिए थे मेरे गम उसने
मैं शायर हूं दिल-फेंक हूं ये जानते हुए भी
मुझको पाने के लिए किए कई यत्न उसने
कुछ पल अपने पास रोकने के लिए
मेरे सजदे में झुका दिया था सर उसने