sad poetry in hindi on love
उस शजर पर क्या बितती होगी दस्तों
उस शजर पर क्या बितती होगी दस्तों
पतझड़ में जिसको परिंदे छोड़ जाते है
पहले बनाते है उसपर आशियाना अपना
बाद में फिर उसको तोड़ जाते है
जिनको पालते है बड़े प्यार से माता पिता
उन्ही से बच्चे बुढ़ापे में मुंह मोड़ जाते है
दे जाते है उम्रभर की उदासी और अकेलापन
रब्त हमेशा के लिए तन्हाई से जोड़ जाते है
sad poetry in hindi on love
