sad poetry in hindi on love
बचा क्या है अब मेरे पास छुपाने को
मुझे खबर न हुई की खबर हो गई ज़माने को
बचा क्या है अब मेरे पास छुपाने को
तू एकबार फिर से कोशिश तो कर मोहब्बत करने की
मैं तैयार हूं तेरे हर सितम उठाने को
तेरे दर से क्या उठाया गया मेरे महबूब
मैं भटकता रहा ताउम्र एक आशियाने को
मैंने संभालकर रखे है तेरे सारे खत तेरे सारे तोहफे
रह गया है तो बस एक दिया इंतजार में जलाने को