sad poetry in hindi on love
काश मैं वो किताब बन जाऊं
जिसे तू पढ़ता है रोज काश मैं वो किताब बन जाऊं
मैं तेरी जिंदगी का एक अहम किरदार बन जाऊं
जो महकाता है तेरे घर को अपनी खुशबू से
मैं तेरे आंगन में लगा काश वो गुलाब बन जाऊं
तू एकबार बोलकर तो देख मेरे महबूब
तेरे घर को रोशन करने के लिए मैं खुद एक चिराग बन जाऊं
तू भले ही बांट दे अपनी सारी दौलत लोगो मे
मैं सिर्फ और सिर्फ तेरे जिस्म ओर रूह की हकदार बन जाओ
जो रोज मिल सके तुझसे काश मैं वो शाम बन जाऊं
मैं साक़ी की आंखों का सुकून तेरे गिलास की शराब बन जाऊं
sad poetry in hindi on love
