sad poetry in hindi on love
हुआ था कोई दिल निसार हम पर भी
हुआ था कोई दिल निसार हम पर भी
आया था किसी को प्यार हम पर भी
हमने भी काटे थे दिन किसी की जुदाई में
था लम्हा लम्हा दुश्वार हम पर भी
हम भी रहते थे बेकरार किसी के लिए
किसी का था अधिकार हम पर भी
किसी ने काटी थी राते हमारे भी पहलू में
किसी को था इतना एतबार हम पर भी
फिर एकदीन उसने बदल ली अपनी मोहब्बत
तब से चढ़ा है शायरी का खुमार हम पर भी