sad poetry in hindi on love
मेरे गीतों को अपनी आवाज़ दे कोई
मेरे गीतों को अपनी आवाज़ दे कोई
मेरी गज़लों को फिर से सवार दे कोई
दे कोई फिर से जीने का ख्वाब मुझे
मेरे अंदर से उसके एहसास को मार दे कोई
जिस एक लम्हे ने बर्बाद कर दिया मुझे
उसको मेरे अतीत से निकाल दे कोई
जिस के लिए तरस रहा हूँ बरसों से मैं
वो एक पल सुकून का आज उधार दे कोई
जला दे कोई पहले उसकी तस्वीरे को
फिर बाद मे मुझको भी मार दे कोई
मोहोब्ब्त मे इतना दर्द क्यो मिलता है
जाते जाते इसका भी जवाब दे कोई