sad poetry in hindi on love
पल पल रिस रहे जख्मों के लिए
पल पल रिस रहे जख्मों के लिए
तुझे लौटकर आना ही पड़ेगा अपनो के लिए
मोहोब्ब्त बनकर रहा जिसमे तू उस दिल के लिए
जिस आँख को तुमने दिखाये उन सपनों के लिए
की जो रात दिल उन इबादतों के लिए
मंदिर मस्जिद मे जो मांगी उन मन्नतों के लिए
देखकर हमको जो आज भी सीख रहे है यारा
तुमको वापिस आना पड़ेगा उन मोहोब्ब्तों के लिए
प्यार मे जो खाई थी उन कसमों के लिए
मोहोब्ब्त मे जो की थी उन रस्मों के लिए
आना ही पड़ेगा एकदिन तुझे मेरे पास मेरे महबूब
छोडकर सारी दुनिया को जन्मों जन्मों के लिए