sad poetry in hindi on love
मैं एक टूटा हुआ मकान हूं
मैं एक टूटा हुआ मकान हूं
मैं एक उलझा हुआ सवाल हूं
जो मिला है मुझको मोहब्बत में दोस्तों
मैं वो इंकार हूं
मुरझा चुके है जिसके फूल सारे
मैं वो गुलदान हूं
रहती है जिस से हर कली नाराज
मैं वो बहार हूं
मैं रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड,सड़कों पे
भटकता हुआ तेरा इंतजार हूं
आकर देख जरा मुझ को,मैं तेरी जुदाई में
कितना बेहाल हूं
तू है मेरा पहला और मैं तेरा आखरी
प्यार हूं
जिसके लिए तूने मांगी मन्नते दर दर जाकर
मैं उसी दुआ का कमाल हूं
मैं ही तेरा हिज़्र हूं,मैं ही तेरा विसाल हूं
जिसकी खोज में निकाला है तू यारा
मैं ही वो सवाल हूं