sad poetry in hindi on love
मैं तुझ को खोने से इस कदर डरा हूं
मैं तुझ को खोने से इस कदर डरा हूं
की एक पल भी तुझ से जुदा नहीं रहा हूं
मुझ को तोड़ने की तू कोशिश न कर
मैं तो तेरी मोहब्बत से ही बना हूं
जब से वादा किया है तुमने घर आने का
मैं तब से यारा दहलीज पर खडा हूं
मिटा नही पाएगा तू मुझ को कभी भी
मैं तो तेरे ही हथेली की रेखा हूं
तेरी यादों के आते जाते सैलाब से यारा
देख मैं किनारे पर बिखरा पड़ा हूं
अगर कोई आए पूछने ठिकाना मेरा
तो कह देना मैं तेरे दिल में रहता हूं