sad poetry in hindi on love
तेरे ही दर पर मेरी हर सुबह बसर हो
तेरे ही दर पर मेरी हर सुबह बसर हो
तेरे ही दर पर मेरी हर शाम गुजर हो
तुझ पर ही आके रुके हर मंजिल मेरी
तुझ पर ही खत्म मेरा हर सफर हो
जो देखे तुझे मोहब्बत भरी आंखों से
इस दुनिया में वो सिर्फ मेरी नजर हो
गुजारनी है अपनी सारी जिंदगी मुझे वहां
जिस गली में बसा यारा तेरा घर हो
की है तुझे पाने के लिए दिन रात दुआ मैने
मेरी इस दुआ का कुछ तो असर हो
छोड़ आया जिसके वास्ते अपना सब कुछ
उस बेखबर को इस बात की तो खबर हो
sad poetry in hindi on love