sad poetry in hindi on love
कौन देगा मुझे मेरी जिंदगी का हिसाब
कौन देगा मुझे मेरी जिंदगी का हिसाब
रहा मैं फायदे मे या हुआ मुझे नुक्सान
जिसका गम बहाकर ले गया सबसे दूर मुझे
क्यूं अब भी जाता नही उसके प्यार का खुमार
किसकी तलाश में मेरी तरह निकलता है अंधेरे में
किसके इंतजार में रातभर जागता है चांद
तारे बनकर आसमां में टिमटिमाते है मेरे आंसू
रात के सन्नाटे में गूंजती है मेरे रोने की आवाज
जब कभी भूले से गुजर जाता हूं उसकी गली से
मानो कोई खंजर उतर जाता हो दिल के आर पार
मैं इसलिए भी उसकी यादों से दूर रहता हूं दोस्तों
मुझसे अब और नहीं किया जाता ये दर्द का कारोबार