sad poetry in hindi on love
लिखनी शुरू की है जब से ग़ज़ल
लिखनी शुरू की है जब से ग़ज़ल
किताब लगने लगा है उसका बदन
किसकी मोहब्बत में पड़ा है बाग़बान
किसके खिलने का जश्न मना रहा है चमन
जो प्रेरणा है हर शायर की हर आशिक़ की तलब
वो झरना है मोहब्बत का किसी झील का कँवल
उसकी आंखों से निकलता है रस्ता जन्नत का
ये मेरा भरम है तो रहने दो ये भरम
माना रास्ता तवील है और सफर कठिन
मगर कट जायेगा अगर साथ साथ चले हम