sad poetry in hindi on love
खिले है मेरे आंगन में बहार के फूल
खिले है मेरे आंगन में बहार के फूल
मिले है मोहब्बत में मुझे ख़्वाब के फूल
सुनाता हूं जब बाते अपने महबूब की
तो जलने लगते है मुझसे गुलाब के फूल
जब भी आती है सावन की बरसाते यारा
महकने लगते है तब मेरी किताब के फूल
जो दिए थे तुमने मुझको आज भी मैने
संभालकर रखे है वो पहली मुलाकात के फूल