sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | थोड़ी दूर साथ चलो

sad poetry in hindi on love

थोड़ी दूर साथ चलो

रखकर अपने कांधे पर मेरा सर थोड़ी दूर साथ चलो
ना जाने कब बदल जाए हमारे सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो
जब वक्त आएगा जाने का चले जाना ना रोकूंगी तुमको
पर अब तो ना करो अगर मगर थोड़ी दूर साथ चलो

लोगो का क्या है लोग तो बाते करेगे, रखो मुझे दिल में
निकाल दो दुनिया के सारे डर थोड़ी दूर साथ चलो
साथ हमारा उम्र भर का नही है ये जानती हूं मैं
कुछ पल के लिए ही बनकर मेरे हमसफर थोड़ी दूर साथ चलो

कल मैं कही और तुम कही और जी रहे होंगे अपनी जिंदगी
पर हमारे प्यार की गवाही देगी ये डगर थोड़ी दूर साथ चलो
ना जाओ इस तरह से अब मेरा हाथ छोड़कर तुम जानां
अब कुछ ही कदमों की दूरी पर है हमारे सपनों का नगर थोड़ी दूर साथ चलो

रखकर अपने कांधे पर मेरा सर थोड़ी दूर साथ चलो
ना जाने कब बदल जाए हमारे सफ़र थोड़ी दूर साथ चलो

sad poetry in hindi on love
sad poetry in hindi
sad poetry in hindi on love
Share With :