sad poetry in hindi on love
जब भी बात महफिल में तुम्हारी होती है
जब भी बात महफिल में तुम्हारी होती है
हमारे होंठो पर एक मुस्कान प्यारी होती है
आने लगती है हमारे बदन से तब खुशबू
जब भी मुलाकात तुमसे हमारी होती है
लब हो जाते है खामोश तुम्हारे सामने
पर दिल में तो बाते ढेर सारी होती है
जिसको सब कहते है यहां पागलपन
दोस्तों वो ही तो मोहब्बत खुमारी होती है
नहीं होता सिर्फ हक महबूब की मोहब्बत पर
उसके गम में भी पूरी हिस्सेदारी होती है