sad poetry in hindi on love
कितनी प्यारी लगती हो
कितनी प्यारी लगती हो
जब काजल आँखों मे भरती हो
क्यो डरती हो दुनिया से
जब साथ मेरे तुम चलती हो
पढ़ती हो बड़े शौक से नज़्मे
और गज़लों मे बाते करती हो
जब भी मिलती हो मुझसे
तो हाथ अपने क्यों मलती हो
अगर है कुछ दिल मे तेरे तो
कहने से क्यों झिझकती हो
sad poetry in hindi on love
