sad poetry in hindi on love
कुछ दर्द कुछ गम कुछ तड़पते हुए ख्वाब
कुछ दर्द कुछ गम कुछ तड़पते हुए ख्वाब रहते है
मेरी रूह पर आज भी तेरी मोहब्बत के निशान रहते है
तू आएगा एकदिन लौटकर बस इसी आस पर यारा
हम तेरी गलियों में आज भी सुबह शाम रहते है
जिन गजलों,नज्मों में मैने समेट ली थी तेरी मोहब्बत
आज उन में सिर्फ सुलगते हुए अल्फाज़ रहते है
जब से हुए है महरूम तेरी मोहब्बत से मेरे महबूब
तब से मेरे आंगन के फूल और परिंदे उदास रहते है
रक़्स करती है तेरी जुदाई आज भी मेरे अंदर
आज भी मेरे अंदर तेरे पनपे हुए एहसास रहते है