sad poetry in hindi on love

sad poetry in hindi | मैं उनको बेवफा नहीं कहती | sad poetry in hindi on love

sad poetry in hindi

मैं उनको बेवफा नहीं कहती

मैं उनको बेवफा नहीं कहती
प्यार उनसे मैंने किया है
वो तो अंजान है इन सब से
दर्द ये दिल का मैंने लिया है
वो तो दोस्त समझते है अपना मुझको
रिश्ता दोस्ती से आगे मैंने बढ़ाया है
निकल पड़ी हूँ, उस रास्ते पे मै
जिसकी ना कोई मंज़िल है
दूर दूर तक घना अंधेरा छाया है
मैं उनको बेवफा नहीं कहती
प्यार उनसे मैंने किया है

मैं पा नहीं सकती उनको
हाल अपने दिल का बता नहीं सकती उनको
ये जो एक तरफा दर्द मिला है उनसे
जीना इसी के साथ है मुझको
कुछ इस तरहा का फरमान
तक़दीर ने मुझको सुनाया है
मैं उनको बेवफा नहीं कहती
प्यार उनसे मैंने किया है

मुझको पता भी ना चला
उन्होने कब दिल मेरा चुरा लिया
मुझ जैसी आज़ाद लड़की को
कब अपना गुलाम बना लिया
अब तो दिल जख्मी होता है रोज़ उनके हाथो से
मुझको तडपता हुआ छोड
वो सामने से मुस्कुराकर चले जाते है
मैं उनको बेवफा नहीं कहती
प्यार उनसे मैंने किया है

प्यार होता है क्या, मुझको नहीं था पता
इसका मतलब समझाने वाले वो है
जो फूल खिला है प्यार का इस दिल मे
उसे खिलाने वाले वो है
अब तो अकेली बंद कमरे मे
इस दर्द को लिए रोती हूँ
पर जिनके आने से बढ जाती है
महफ़िलों की रौनक वो शख्स भी वो है
मैं उनको बेवफा नहीं कहती
प्यार उनसे मैंने किया है

सुंदर सी एक लड़की से
आज उन्होने मुझको मिलाया
वो लड़की उनकी जान है
ये कह कर उसका परिचय करवाया
उनकी आंखो मे बेशुमार मोहब्बत थी उसके लिया
उनका प्यार तो किसी और के हिस्से मे आया
जो मुझको उनसे कभी मिल ना सका
ये वो ही प्यार है
जिसने आज मुझको शायर बनाया
मैं उनको बेवफा नहीं कहती
प्यार उनसे मैंने किया है

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