sad poetry in hindi
हाथ मे तेरी तस्वीर लिए
निकली हूँ,
घर से टूटी हुई उम्मीद लिए
हाथ मे तेरी तस्वीर लिए
गली गली, शहर शहर घूम रही हूँ
पता लोगो से तेरा पुछ रही हूँ
तू मिले तो बताऊं तुझे
दर्द अपने दिल का सुनाऊं तुझे
सुध नहीं रहती अपने आप की
रहती हूँ, चुप चुप और उदास सी
ऐसे जैसे कुछ खोया है
क्या है वो, मुझे नहीं पता है
सब कहते है, मैं पहले जैसी नहीं रही
नहीं रही, पहले जैसी हंसी मेरी
ना रही, वो ज़िंदा दिली
अंदर मेरे कुछ खाली सा है
होते हुए सबके, एक अकेलापन सा है
तेरे आने से पहले ऐसा कुछ ना था
ना किसी से नाराजगी, ना गुस्सा गीला था
हर वक़्त अपनी मौज मे रहती थी
दिन को सपने देखती थी
रातों को सोती थी
आपनो के साथ वक़्त बीताति थी
दोस्तो के साथ हर पल जीती थी
पर जब से तू मेरी जिंदगी से गया है
कुछ पहले जैसा नहीं रहा
सब बदल गया है
एक बहाव है, जो तेरी ओर ले जा रहा है
एक एहसास है, जो तुझसे जोड़ रहा है
तू जाते जाते मेरी जिंदगी से
ये सारे सवाल छोड़ गया है
जिनके जवाब सिर्फ तेरे पास है
इसलिए हाथ मे तेरी तस्वीर लिए
गली गली, शहर शहर घूम रही हूँ
पता लोगो से तेरा पुछ रही हूँ