sad poetry in hindi
आज कुछ नहीं पास मेरे
मैं मुकम्मल था, साथ तेरे
देखो आज कुछ नहीं पास मेरे
तेरी यादे आज भी मुझे रुलाती है
ये याद उन दिनों की दिलाती है
जब पास था, तू मेरे
हम दो थे, पर रहते थे, एक दूजे मे
मैं मरता था, तुझ पे
तू जीता था, मुझ मे
भूला नहीं पाया मैं उन दिनों को
तुझ मे जिये पलो को
क्या तुम्हें मैं आज भी याद हूँ
या एक याद बन चुका हूँ
आज जब कलम उठाई
तो दिल किया तेरे बारे मे कुछ लिखू
पर क्या लिखू ……
तेरे किये झूठे वादे लिखू या तेरे दिये दर्द लिखू