sad poetry in hindi
यार का दीदार हुआ
तू हज करने गया था, हज हुआ
जिस सफर पर निकला था, क्या वो पूरा हुआ
मक्का जाते जाते जा पहुंचा तू यार की गली मे
क्या वहाँ तुझे उसका दीदार हुआ
झुकना चाहता था, तू कभी इबादत मे जिसकी
मिलके अपने यार से वो ख्वाब पूरा हुआ
सुना था, जो मिलता है उससे उसी का हो जाता है
बता जैसा सुना था मैंने, क्या तेरे साथ भी वैसा हुआ
तू हज करने गया था, हज हुआ