sad poetry in hindi
मुझ पर कोई एहसान ना कर
अपने हुस्न पर तू गुमान ना कर
मुझसे प्यार करके कोई एहसान ना कर
मैं पहले से ही धोखा खाया हुआ हूं, इश्क़ मे
मेरे सामने तू इसका ज्यादा गुणगान ना कर
मैं एक हवा हूं, मेरा कोई ठिकाना नहीं है
मेरे पीछे तू खुद को बदनाम ना कर
बर्बाद करना है तो कर बर्बाद तू खुद को
पर मुझसे इश्क़ की कोई आस ना कर
ठुकराया हुआ हूं, मैं अपने ही महबूब का
मुझसे तू बेइंतेहा प्यार ना कर
sad poetry in hindi
