sad poetry in hindi | आज भी मुझको ये ही बात सताती है | sad poem in hindi for love

sad poetry in hindi

आज भी मुझको ये ही बात सताती है

आज भी मुझको ये ही बात सताती है
क्या आज भी उनको मेरी याद आती है
जिक्र क्या आज भी करते है, वो महफ़िलों मे मेरा
क्या आज भी बात बात पर उनको हिचकिया आती है
आज भी मुझको ये ही बात सताती है

होते है, जब वो अकेले तो उनको मेरी कमी खलती है
उनकी रूह क्या आज भी मिलन को मेरे तरसती है
क्या आज भी तस्वीर देखते ही मेरी आँख उनकी भर आती है
आज भी मुझको ये ही बात सताती है

बारिश के दिनो मे उनको क्या हमारी मुलाकाते याद आती है
भीगे थे, जिसमे हम, क्या वो यादे उनको सताती है
क्या बीते कल की बाते आज भी उदास उनको कर जाती है
आज भी मुझेको ये ही बात सताती है

क्या उनकी राते आज भी मेरे ख्यालो मे कटती है
कलम उनकी आज भी मेरे बारे मे ही लिखती है
क्या आज भी मेरे लौटने के इंतज़ार मे शामे उनकी ढलती है
आज भी मुझको ये ही बात सताती है

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