sad poetry in hindi
कुछ वक़्त अपने लिए निकाल सकूं
बड़ी कोशिश करता हूं की रात को सकून से सो सकूं
थोड़ी देर के लिए ही सही तेरी यादों का साथ
छोड़ सकूं ……
थक जाता हूं सारा दिन तेरे बारे मे सोचते सोचते
कुछ वक़्त निकाल कर अपने बारे मे भी सोच सकूं
तुझे भूला कर एकबार फिर से खुल के मुस्कुरा सकूं
ज़िंदगी को फिर से पहले की तरहा गले लगा सकूं
जला सकूं तेरे हर खत को तेरी हर निशानी को जो
याद तेरी दिलाते है …..
अपने अतित से तुझे हमेशा के लिए मिटा सकूं
फिर से मैं एकबार किसी के प्यार मे पढ़ सकूं
फिर से मैं एकबार जीने, मरने के वादे किसी से
कर सकूं ……
दे सकूं अपनी जिंदगी को फिर से एकबार मोका
ज़ीने का ……
थोड़ा ही सही कुछ वक़्त अपने लिए मैं भी
निकाल सकूं ……
sad poetry in hindi
