sad poem in hindi for love

sad poetry in hindi | वो फिर लौट के ना आया | sad poem in hindi for love

sad poetry in hindi

वो फिर लौट के ना आया

उसने मुझसे कुछ यूं हाथ छुड़ाया
जो एकबार गया फिर लौटकर ना आया
मैं पागलो की तरहा इंतज़ार करती रही उसका
डाकिये से रोज़ पूछती मेरा कोई खत आया
वो रकीब की बाहों मे खुश है मगर
मेरे ख्वाबो मे भी कोई ओर ना आया
आज भी बवाल हो जाता है उसके नाम से
मेरी जिंदगी मे ……..
जो प्यार लेकर तो गया पर कभी प्यार देने
ना आया ……..
वो बेवफा है, ये जानती हूं मैं
पर उसके सिवा मुझे ओर कोई चेहरा ना भाया
मैं सजदा करती हूं बार बार उन रास्तो को
जिनसे होकर वो मेरे पास आया
जब भी गुजरती हूं उसके घर के पास से देखती हूं
कहीं वो अपनी माँ से मिलने तो नहीं आया

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