sad poetry in hindi on love
अपने लिए उसके दिल से रास्ता निकालना है
मुझे पत्थर से खुदा निकालना है
अपने लिए उसके दिल से रास्ता निकालना है
वो अंजान है इश्क़ के रस्मों रिवाजों से
मुझे उस रेगिस्तान से समंदर निकालना है
मैं भूल चुका हूं उसके इश्क़ में अपना वजूद
मुझे उसमे से खुद को निकालना है
वो डरता है हीर,रांझा,लैला,मजनू के अंजाम पर
मुझे उसके दिल से ये खौफ निकालना है
उसको पर्दे के पीछे रखने वालो
मुझे उसकी आंखों से जन्नत का रास्ता निकालना है
जिस दिन उठेगी उसकी डोली उसके घर से
उसी दिन मुझे उसके घर के सामने से अपना जनाजा निकालना है
मुझे पत्थर से खुदा निकालना है
अपने लिए उसके दिल से रास्ता निकालना है
sad poetry in hindi on love
sad poetry in hindi on love
Mujhe Patthar Se Khuda Nikaalana Hai
Apane Lie Usake Dil Se Raasta Nikaalana Hai
Vo Anjaan Hai Ishq Ke Rasmon Rivaajon Se
Mujhe Us Registaan Se Samandar Nikaalana Hai
Main Bhool Chuka Hoon Usake Ishq Mein Apana Vajood
Mujhe Usame Se Khud Ko Nikaalana Hai
Vo Darata Hai Heer,Raanjha,Laila,Majanoo Ke Anjaam Par
Mujhe Usake Dil Se Ye Khauph Nikaalana Hai
Usako Parde Ke Peechhe Rakhane Vaalo
Mujhe Usakee Aankhon Se Jannat Ka Raasta Nikaalana Hai
Jis Din Uthegee Usakee Dolee Usake Ghar Se
Usee Din Mujhe Usake Ghar Ke Saamane Se Apana Janaaja Nikaalana Hai
Mujhe Patthar Se Khuda Nikaalana Hai
Apane Lie Usake Dil Se Raasta Nikaalana Hai