sad poetry in hindi on love
आज फिर वो सनम याद आया
आज फिर वो सनम याद आया
पढ़ी जब ग़ज़ल याद आया
मिली मेरे गम को जहां से शिफ़ा
उसका आज वो दर याद आया
दिन बहार के देख के चारो तरफ
मुझको वो गुल बदन याद आया
फूट पड़ा चश्मा खुशबू का मुझमें
जब मोहब्बत का वो चमन याद आया
कैसे भुलाता उसको मैं दोस्तों
वो तो कदम कदम पर याद आया
आज देखकर उसकी तस्वीर को
उसकी बाहों में बिताया हर मंजर याद आया