sad poetry in hindi on love
तेरी यादें क्या क्या मंजर दिखा रही है
तेरी यादें क्या क्या मंजर दिखा रही है
गुल उदासियों के दिल में खिला रही है
महक उठे है मेरे दर और दीवार
ये कितनी मोहब्बत मुझपर लूटा रही है
दी थी जो तन्हाइयां तोहफे में तुमने
ये उनकी सदाये मेरे घर से आ रही है
मुस्कुरा रहा है तेरा गम मुझमें
और मोहब्बत कोने में आसूं बहा रही है
जिंदगी के हर लम्हे में मेरे महबूब
तेरी यादें ही तो है जो साथ निभा रही है
कभी फुर्सत मिले तो जरूर पढ़ना
मेरी गजले कैसे लहू बहा रही है
उदास सवेर तन्हा शामे काटती राते
कैसे पल पल मुझको खा रही है
तुम लौटोगे या नहीं ये सोच सोचकर
एक वहशत सी मेरे दिल में छा रही रही
वो लड़की आज भी जिंदा है मुझमें
जो दिन रात तेरे लिए आंसू बहा रही है
मेरे महबूब मेरी नाजुक पलके
तेरे आंसुओं का बोझ आज भी उठा रही है
तुझ से मोहब्बत करने को भले ही
ये दुनिया एक गुनाह बता रही है
मगर मुझको सहरा में खिलता देखकर
कायनात भी आज सिर झुका रही है