sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | मोहोब्ब्त मे खुद को मुसाफिर मान कर

sad poetry in hindi on love

मोहोब्ब्त मे खुद को मुसाफिर मान कर

मोहोब्ब्त मे खुद को मुसाफिर मान कर
मैं निकल पड़ा हूँ तुझको रस्ता जान कर

मंज़िल की ख़्वाहिश किसको है जानां
तू यादों को जीने का सामान कर

मैंने दी है तुझको पूरी जिंदगी
तू कुछ पल खैरात मे मुझको दान कर

न हो यूं शर्मिंदा दुनिया के सामने तू
तू मोहोब्बत है तू खुद की पहचान कर

जो अलग करते है खुदा के नाम पर चाहने वालों को
चल रहे है कैसे गर्दन तान कर

sad poetry in hindi on love
sad poetry in hindi
sad poetry in hindi on love
Share With :