sad poetry in hindi on love
बिखरे अल्फाजों के सिवा मेरे पास कुछ नहीं
बिखरे अल्फाजों के सिवा मेरे पास कुछ नहीं
ऐ दोस्त तेरी यादों के सिवा मेरे पास कुछ नहीं
जो घंटों फोन पर बाते करके काटी थी हमने
उन रातों के सिवा मेरे पास कुछ नहीं
तेरा हाथ पकड़कर जो गुजारी मैंने
उन मुलाकातों के सिवा मेरे पास कुछ नहीं
क्या ढूंढ रहे हो मेरे कमरे में तुम दोस्त
कमरे में किताबों के सिवा मेरे पास कुछ नहीं
आती है तो सिर्फ़ एक सुबह वो भी उदास
और तन्हा शामों के सिवा मेरे पास कुछ नहीं