sad poetry in hindi on love
फिर कभी भी दोबारा उससे बात ना हुई
फिर कभी भी दोबारा उससे बात ना हुई
वो शहर चला गया,मुलाकात ना हुई
अब्र तो हर साल आए मेरे गांव में
एक मेरा ही आंगन था जहां बरसात ना हुई
जिस एक पल को मैं तरसता रहा उम्रभर
मयस्सर मुझे वस्ल की वो कभी रात ना हुई
दिल से कुछ मांगों तो कुदरत भी साथ देती है
मगर दोस्तों मेरी जिंदगी में ऐसी करामात ना हुई
तेरे दिल तक पहुंचाना था मुझको इसलिए भी
पलभर डगमगा जाऊं ऐसी सूरत ए हालात ना हुई
उसका इश्क़ दरवेशों वाला था
मेरी कभी उसके जैसी जात ना हुई