sad poetry in hindi on love

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | एकदिन उसके शहर को छोड़कर जाना पड़ा मुझे

sad poetry in hindi on love

एकदिन उसके शहर को छोड़कर जाना पड़ा मुझे

एकदिन उसके शहर को छोड़कर जाना पड़ा मुझे
वो हो गया किसी और का इसलिए भूलाना पड़ा मुझे

कैसे करता शुरुआत अपनी ज़िंदगी की फिर से
इसलिए उसकी मोहब्बत से ध्यान हटाना पड़ा मुझे

जब आने लगी थी महक उसके बदन की फूलों से
तो आंगन के फूलों को आंगन में दबाना पड़ा मुझे

दिखने लगा था उसका चेहरा आइनो में दोस्तों
इसलिए भी घर के आइनो को बाहर फिकवाना पड़ा मुझे

इस कमरे में वो खिड़की है जो खुलती है उसके शहर की और
ये ही कारण है जो इसको ताला लगाना पड़ा मुझे

आती थी खतों से उसके रोने की सिसकियां
दोस्तों उन खातों को मजबूरी में जलाना पड़ा मुझे

sad poetry in hindi on love
sad poetry in hindi
sad poetry in hindi on love
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